NEET Case hearing: सुप्रीम कोर्ट में NEET 2024 पर सुनवाई के दौरान CJI D.Y. चंद्रचूड़ और वरिष्ठ वकील मैथ्यू नेदुम परा के बीच गरमागरम बहस।
वरिष्ठ वकील मैथ्यू नेदुम परा को कड़ी फटकार लगाई
23 जुलाई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में NEET 2024 की सुनवाई के दौरान एक असाधारण घटना घटी। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ वकील मैथ्यू नेदुम परा को कड़ी फटकार लगाई और कोर्ट से बाहर निकालने का आदेश दिया। यह घटना उस समय की है जब NEET 2024 परीक्षा को लेकर विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनी जा रही थीं।
NEET Case hearing में CJI चंद्रचूड़ ने सख्त लहजे में कहा, “मैं इस कोर्ट का इंचार्ज हूं, यहां किसी वकील की तानाशाही नहीं चलेगी।” यह वाक्य उन्होंने तब कहा जब वकील मैथ्यू नेदुम परा ने बीच में बोलने की कोशिश की। CJI ने उन्हें फटकारते हुए कहा कि अगर वह अदालत की मर्यादा का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें बाहर निकालने का आदेश देना पड़ेगा।
इस घटना के दौरान, वकील नेदुम परा ने भी कहा कि वह सबसे वरिष्ठ वकील हैं, लेकिन CJI चंद्रचूड़ ने उनकी इस बात को नजरअंदाज करते हुए सुरक्षा अधिकारियों को उन्हें कोर्ट से बाहर करने का निर्देश दिया। हालांकि, वकील नेदुम परा खुद ही कोर्ट से बाहर चले गए।
NEET Case बैकग्राउंड स्टोरी:
NEET 2024 की परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में NEET Case hearing चल रही थी। केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पैरवी कर रहे थे। वहीं, छात्रों की तरफ से वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा समेत अन्य वकील उपस्थित थे।
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मुख्य विवाद:
वकील नरेंद्र हुड्डा ने सवाल उठाया कि पेपर लीक का असर केवल पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में यह पता चलता है कि पेपर लीक कई अन्य जगहों पर भी हुआ था, तो कोर्ट का रीटेस्ट न कराने का फैसला गलत हो सकता है।
इस पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि बिना पूरी जांच के यह कहना मुश्किल है कि पेपर लीक केवल दो जगहों पर ही हुआ। उन्होंने कहा कि 23 लाख छात्रों का सवाल है और हम बिना सबूत के कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकते।
CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि NEET 2024 की परीक्षा रद्द नहीं होगी क्योंकि अब तक ऐसे कोई साक्ष्य सामने नहीं आए हैं जिनसे यह साबित हो सके कि परीक्षा में व्यापक रूप से गड़बड़ी हुई है। उनका कहना था कि बिना पर्याप्त सबूतों के, परीक्षा को रद्द करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब पेपर लीक के व्यापक प्रभाव के सबूत नहीं मिले हैं, तो री-NEET या पूरी NEET UG 2024 परीक्षा को रद्द करने का आदेश देना सही नहीं होगा।
इस निर्णय के बाद, मामले की सुनवाई जारी रही और इसे लेकर विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। CJI चंद्रचूड़ के इस सख्त कदम ने यह संदेश दिया कि कोर्ट की मर्यादा और अनुशासन को बनाए रखना सर्वोपरि है।
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